बिहार में भीषण गर्मी का कहर शुरू, सरकार ने जारी किये कई निर्देश, सभी डीएम को भेजा गया पत्र

आपदा प्रबंधन विभाग ने पत्र में कहा है कि स्कूलों के बच्चों को गर्मी से बचने के लिए स्कूल या तो सुबह में संचालित करें या फिर गर्मी की छुट्टियों को निर्धारित समय से पहले घोषित कर दें.

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बिहार में भीषण गर्मी

बिहार में भीषण गर्मी

बिहार के कई जिलों में हीट वेव चल रहा है, जिसके कारण स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सूरज का प्रकोप सहना पड़ रहा है. हीट वेव को देखते हुए आने वाले दिनों में बच्चों की गर्मी की छुट्टियां जल्दी ही दी जा सकती हैं. गर्मी और स्कूलों में छुट्टियां को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से सभी जिले के डीएम, प्रधान सचिव और सचिव को दिशा निर्देश जारी किया गया हैं. आपदा प्रबंधन विभाग ने पत्र में कहा है कि स्कूलों के बच्चों को गर्मी से बचने के लिए स्कूल या तो सुबह में संचालित करें या फिर गर्मी की छुट्टियों को निर्धारित समय से पहले घोषित कर दें.

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विभाग की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि गर्मी की स्थिति को देखते हुए स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद करने का फैसला डीएम ले सकते हैं. इसके लिए सभी डीएम समीक्षा कर ले. स्कूलों के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों के खुलने और बंद होने के समय पर भी फैसला लेने का निर्देश विभाग ने जारी किया है.

बता दें कि बिहार में 15 अप्रैल से 15 मई तक स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां निर्धारित हैं.

अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का दिया निर्देश

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स्कूलों के अलावा अस्पतालों में दवा और बेड को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश भी जारी किया है. लू को देखते हुए अस्पतालों को अलर्ट पर रहने के लिए निर्देश दिया गया है. विभाग ने सभी जिलों में चिकित्सा दल के भी गठन करने के लिए निर्देश दिया है, जो जरूरत पड़ने पर बच्चों के साथ अति गंभीर रूप से बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचने में मदद करेंगे. स्कूलों में ओआरएस के पैकेट के भी इंतजाम करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

राज्य में बढ़ रही तपिश को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों और पशु- पक्षियों को भी बचाने के लिए जिम्मेदारी विभागों को दी है. स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग सहित 15 विभागों को निर्देश जारी किया गया है. अपने-अपने स्तर पर सभी विभागों को गर्मी और लू से निपटने के लिए तैयारी रखने के लिए कहा गया है. इसमें खासकर पेयजल संकट को ध्यान में रखते हुए संबंधित विभागों को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

आपदा प्रबंधन विभाग ने शहरों में सार्वजनिक जगह पर प्याऊ की व्यवस्था, आश्रय स्थलों में पेयजल और स्लम के लोगों के लिए आवश्यक दवाओं के लिए उपलब्धता के लिए नगर विकास को निर्देश दिया है. साथ ही पीएचईडी को खराब चापाकलों को ठीक करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने के लिए कहा है.

स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पशु पालन, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, श्रम संसाधन, परिवहन, ऊर्जा, पर्यावरण, सूचना एवं जनसंपर्क, सूचना प्रौधौगिकी, राज्य अग्निशमन जैसे विभागों को आपदा प्रबंधन विभाग ने निर्देश दिया है.

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